ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ,
बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ..
......
न बोलूँ सच तो कैसा आईना मैं,
जो बोलूँ सच तो चकना-चूर हो जाऊँ..
........
बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे,
कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ..
........
मेरे अंदर से गर दुनिया निकल जाए,
मैं अपने-आप में भरपूर हो जाऊँ।
........
माना कि अनमोल हैं,
हसरत-ए-नायाब हैं आप..
🙃🙃🙃
हम भी वो लोग हैं जो,
हर दहलीज़ पर नहीं मिलते...
तलब अपनी बढ़ाओ पहले फिर हम से प्यार करना,
💔💔💔💔💔💔💔🥺🥺💔💔💔💔💔💔💔
0 Comments